बचपन

उन बच्चों के आंसूओं में, उनके कटे-फटे हाथों में, उन के बेबस चेहरों में, मैं अपने आप को ढूंढता हूं। जब वो भूख से बिलबिलाते हैं, जब वो मार खा कर चिल्लाते हैं, और जब वो रोते हुए सो जाते हैं, तब मैं भी उनके साथ रोता हूं। मैं…